मिलीभगत से चल रहा वन माफिया द्वारा अवैध उत्खनन
राहुल/हितेश जैन पोहरी | जिला मुख्यालय शिवपुरी से मात्र 35 किलो मीटर की दूरी पर स्थित वन परिक्षेत्र पोहरी के जंगलो से वेस कीमती इमारती सागवान की लकडी, प्रतिवंधित जंगलो के जलाकर एकत्रित कोयला भट्टी, अवेध उत्खनन, हरे-भरे वृक्षो से उतारी जा रही छाल, हरे-भरे वृक्षो को काटकर वन भूमि पर लहराती फसले,वन क्षेत्रो मे विचरण कर रहे- हीरण,चीतल, नीलगाय एवं राष्ट्रीय पक्षी मोर आदि का अवेध शिकार अनेक प्रतिवंधित अवैध कार्य वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी के संरक्षण मे वन-माफिया गिरोह द्वारा वै-खोफ संचालित किये जा रहे है। वन माफिया अपनी अवेध रूप से लाई गई वेेस कीमती एवं अवेध वन संपदा वे रोक-टोक आसानी के साथ तस्करी कर जाता है इससे आरोप ही नही स्पस्ट प्रतीत होता है कि वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी ने वन माफिया के आगे पूर्ण रूप से घुटने टेक दिये है जिससे वन माफिया गिरोह के होसले दिन प्रतिदिन वुलंद होते जा रहे है परिणाम स्वरूप कभी दुरदांत डाकुओं का सरण स्थल रहा वन क्षेत्र रेगिस्तान मे तवदील होता जा रहा है।
वन परिक्षेत्र पोहरी जिसका-अधीकाषतः भाग वन वाहुल्य क्षेत्र है जिसका क्षेत्र एक ओर चंबल के वीहडो तक लगा हुआ है तो दूसरी ओर राजस्थान सीमा की गोद मे सिमटा हुआ है जिससे वन परिक्षेत्र पेाहरी के अतर्गत आने वाले वनक्षेत्रो से किमती एवं इमारती सागवान की कामिदा लकडी- कत्थे मे प्रयुक्त होने वाली खैर की लकडी की तस्करी, हरे-भरे वृक्षो से अवेध रूप से उतारी जा रही कोहा, हरेनी, मोका की छाल, वन क्षेत्र मे विचरण कर रहे हिरण, नीलगाय, राश्ट्रीयपक्षी मोर आदिका अवेध रूपसे षिकार, सेकडो वीघावन भूमि पर लहराती फसले, वन क्षेत्रो से लाल मुरम, पत्थर, पटिया आदि अवेध उत्खनन यही नही शासकीय लाखो रूपयो से एफ.डी.एफ. मनरेगाा आदि योजनांतर्गत गत वर्श निर्मित प्लान्टेसनो की दीबारो के वोल्डर-पत्थेरा अवेध रूप से सेकडों वीघा वनो की सफाया कर वन भूमि पर अतिक्रमण आदि अनेक अवेध कार्य वन माफिया गिरोह द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारी की मिली भगत के चलते वे-खौफ फल-फूल रहा है।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी ने अपने अधीनस्थ छोटे कर्मचारियों को मोखिक रूप से तुगलकी फरमान जारी कर रखे है कि क्षेत्र मे वन संपदा से जुडे लोगो मे दस मे से एक का प्रकरण वनाओ 9 लोगो को नो-दो ग्यारह करो इक्का-दुक्का प्रकरण वनाने के वावजूद प्रकरण कलातीत हो जाने पर जुर्माना भी अधीनस्थ छोटे कर्मचारी को अपनी जेव से भरना पडता है जवकि अन्य 9 लेागो को नो-दो ग्यारह करने वाले मुजरिमो से आई अवेध वसूली काली कमाई वन परिक्षेत्राधिकारी की जेव मे जाती है
इनका कहना है कि
आपके द्वारा मामला संज्ञान मैं लाया गया है, जब से में पोहरी आया हु तब से 150 कार्यवाही कर चुका हूं अगर वन माफियाओं द्वारा अबैध कटाई की जा रही है तो फिर कार्यवाही करूँगा
केपीएस धाकड़
वनपरिक्षेत्राधिकारी पोहरी
राहुल/हितेश जैन पोहरी | जिला मुख्यालय शिवपुरी से मात्र 35 किलो मीटर की दूरी पर स्थित वन परिक्षेत्र पोहरी के जंगलो से वेस कीमती इमारती सागवान की लकडी, प्रतिवंधित जंगलो के जलाकर एकत्रित कोयला भट्टी, अवेध उत्खनन, हरे-भरे वृक्षो से उतारी जा रही छाल, हरे-भरे वृक्षो को काटकर वन भूमि पर लहराती फसले,वन क्षेत्रो मे विचरण कर रहे- हीरण,चीतल, नीलगाय एवं राष्ट्रीय पक्षी मोर आदि का अवेध शिकार अनेक प्रतिवंधित अवैध कार्य वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी के संरक्षण मे वन-माफिया गिरोह द्वारा वै-खोफ संचालित किये जा रहे है। वन माफिया अपनी अवेध रूप से लाई गई वेेस कीमती एवं अवेध वन संपदा वे रोक-टोक आसानी के साथ तस्करी कर जाता है इससे आरोप ही नही स्पस्ट प्रतीत होता है कि वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी ने वन माफिया के आगे पूर्ण रूप से घुटने टेक दिये है जिससे वन माफिया गिरोह के होसले दिन प्रतिदिन वुलंद होते जा रहे है परिणाम स्वरूप कभी दुरदांत डाकुओं का सरण स्थल रहा वन क्षेत्र रेगिस्तान मे तवदील होता जा रहा है।
वन परिक्षेत्र पोहरी जिसका-अधीकाषतः भाग वन वाहुल्य क्षेत्र है जिसका क्षेत्र एक ओर चंबल के वीहडो तक लगा हुआ है तो दूसरी ओर राजस्थान सीमा की गोद मे सिमटा हुआ है जिससे वन परिक्षेत्र पेाहरी के अतर्गत आने वाले वनक्षेत्रो से किमती एवं इमारती सागवान की कामिदा लकडी- कत्थे मे प्रयुक्त होने वाली खैर की लकडी की तस्करी, हरे-भरे वृक्षो से अवेध रूप से उतारी जा रही कोहा, हरेनी, मोका की छाल, वन क्षेत्र मे विचरण कर रहे हिरण, नीलगाय, राश्ट्रीयपक्षी मोर आदिका अवेध रूपसे षिकार, सेकडो वीघावन भूमि पर लहराती फसले, वन क्षेत्रो से लाल मुरम, पत्थर, पटिया आदि अवेध उत्खनन यही नही शासकीय लाखो रूपयो से एफ.डी.एफ. मनरेगाा आदि योजनांतर्गत गत वर्श निर्मित प्लान्टेसनो की दीबारो के वोल्डर-पत्थेरा अवेध रूप से सेकडों वीघा वनो की सफाया कर वन भूमि पर अतिक्रमण आदि अनेक अवेध कार्य वन माफिया गिरोह द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारी की मिली भगत के चलते वे-खौफ फल-फूल रहा है।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी ने अपने अधीनस्थ छोटे कर्मचारियों को मोखिक रूप से तुगलकी फरमान जारी कर रखे है कि क्षेत्र मे वन संपदा से जुडे लोगो मे दस मे से एक का प्रकरण वनाओ 9 लोगो को नो-दो ग्यारह करो इक्का-दुक्का प्रकरण वनाने के वावजूद प्रकरण कलातीत हो जाने पर जुर्माना भी अधीनस्थ छोटे कर्मचारी को अपनी जेव से भरना पडता है जवकि अन्य 9 लेागो को नो-दो ग्यारह करने वाले मुजरिमो से आई अवेध वसूली काली कमाई वन परिक्षेत्राधिकारी की जेव मे जाती है
इनका कहना है कि
आपके द्वारा मामला संज्ञान मैं लाया गया है, जब से में पोहरी आया हु तब से 150 कार्यवाही कर चुका हूं अगर वन माफियाओं द्वारा अबैध कटाई की जा रही है तो फिर कार्यवाही करूँगा
केपीएस धाकड़
वनपरिक्षेत्राधिकारी पोहरी
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